Metro Opening 2025: 30 हजार लोग रोजाना, 7 दिन में अवसर छूट न जाए

दिल्लीवासियों के लिए एक बड़ी खुशखबरी है। राजधानी के उत्तर-पूर्वी हिस्से को जोड़ने वाली मेट्रो लाइन का काम अब अपने अंतिम चरण में है। दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (DMRC) ने मजलिस पार्क से मौजपुर तक की नई मेट्रो लाइन पर काम लगभग पूरा कर लिया है और उम्मीद जताई जा रही है कि दिवाली से पहले इसका उद्घाटन कर दिया जाएगा। यह विस्तार दिल्ली मेट्रो की पिंक लाइन का हिस्सा है, जो अब पूरे शहर को और बेहतर ढंग से जोड़ेगी।

दिल्ली में मेट्रो का नेटवर्क लगातार बढ़ रहा है और आम लोगों की सुविधा के लिए नई लाइनों को जोड़ने की प्रक्रिया तेजी से चल रही है। मजलिस पार्क से मौजपुर तक का यह कोरिडोर भी उसी योजना का अहम हिस्सा है जो शहर के ट्रैफिक बोझ को कम करने में मदद करेगा और हजारों लोगों को रोजाना की यात्रा में राहत देगा। दिल्ली सरकार और केंद्र सरकार, दोनों ने मिलकर इस परियोजना को समय से पहले पूरा करने पर जोर दिया है ताकि त्योहारों के दौरान लोगों को बेहतर यातायात सुविधा मिल सके।

यह नई लाइन दिल्ली के उन इलाकों को जोड़ेगी जो अभी तक मेट्रो नेटवर्क से सीधे नहीं जुड़े हैं। इससे न केवल स्थानीय निवासियों को फायदा होगा बल्कि इंटरचेंज स्टेशनों के जरिए यह पूरे दिल्ली-एनसीआर को और सुलभ बनाएगी।

Metro Opening 2025

दिल्ली मेट्रो की पिंक लाइन शहर की प्रमुख ऑरबिटल लाइन के रूप में जानी जाती है जो दिल्ली को परिपथ के रूप में जोड़ती है। मौजूदा समय में यह लाइन मजलिस पार्क से शिव विहार के बीच चल रही है, लेकिन मौजपुर तक इसके विस्तार से यह उत्तर और पूर्व दिल्ली के बीच सीधा कनेक्शन स्थापित करेगी। इस लाइन की कुल लंबाई लगभग 12.6 किलोमीटर है।

इस परियोजना में कुल 8 नए स्टेशन बनाए गए हैं जिनमें महत्वपूर्ण स्टेशन मेट्रो विहार, अशोक पार्क, सोमा विहार, खूबसपुर और मौजपुर शामिल हैं। इन सभी स्टेशनों को आधुनिक तकनीक और यात्री सुविधाओं से लैस किया गया है। इस एक्सटेंशन के शुरू होते ही यात्रियों का दिल्ली मेट्रो के अन्य कोरिडोर जैसे कि रेड, येलो और ब्लू लाइनों से बेहतर कनेक्शन होगा।

दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (DMRC) ने जानकारी दी है कि ट्रायल रन लगभग पूरा हो चुका है और सुरक्षा निरीक्षण का अंतिम दौर जल्द होने वाला है। इसके बाद प्रधानमंत्री या मुख्यमंत्री द्वारा इस रूट का उद्घाटन दिवाली से पहले या इसी दौरान किए जाने की संभावना है।

सरकार और DMRC की संयुक्त परियोजना

यह परियोजना दिल्ली मेट्रो के चौथे चरण (Phase-4) का हिस्सा है, जिसमें कुल 65 किलोमीटर लंबा नया नेटवर्क तैयार किया जा रहा है। इसे केंद्र सरकार और दिल्ली सरकार की संयुक्त भागीदारी में बनाया जा रहा है। दोनों सरकारें मिलकर इस योजना में लागत साझा कर रही हैं।

इस मेट्रो विस्तार की कुल लागत लगभग 3,000 करोड़ रुपये आंकी गई है। इसमें भूमि अधिग्रहण, स्टेशन निर्माण, सिग्नल सिस्टम और इलेक्ट्रिक इंफ्रास्ट्रक्चर शामिल है। DMRC ने साफ-सुथरा और पर्यावरण-अनुकूल निर्माण कार्य पर विशेष ध्यान दिया है ताकि स्थानीय आबादी पर कोई नकारात्मक प्रभाव न पड़े।

यात्रियों को मिलने वाले फायदे

नई मेट्रो लाइन शुरू होने के बाद करीब 1.5 लाख यात्रियों को रोजाना इसका सीधा लाभ मिलेगा। इससे मौजपुर, सीलमपुर, यमुना विहार, और आस-पास के इलाकों में रहने वाले लोग सीधे मजलिस पार्क, आजादपुर, नेताजी सुभाष प्लेस जैसे क्षेत्रों तक बिना बदलाव पहुँच सकेंगे।

यह लाइन दिल्ली के ट्रैफिक दबाव को भी काफी हद तक कम करेगी। अब तक इन इलाकों से सेंट्रल दिल्ली पहुँचने के लिए लोगों को लंबा सफर तय करना पड़ता था, लेकिन नई मेट्रो लाइन से यह दूरी और समय दोनों घट जाएंगे।

इसके अलावा यह लाइन कई प्रमुख बाजारों और कार्यालय क्षेत्रों को भी जोड़ेगी, जिससे कामकाजी लोगों को सुविधा होगी और ईंधन खर्च में भी कमी आएगी। मेट्रो का किराया भी अन्य निजी यातायात साधनों से किफायती रहेगा।

पर्यावरण और विकास दोनों में प्रगति

दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण और ट्रैफिक जाम से राहत दिलाने में मेट्रो हमेशा एक बड़ी भूमिका निभाती आई है। पिंक लाइन का यह विस्तार ‘ग्रीन और क्लीन ट्रांसपोर्ट’ को बढ़ावा देगा। अनुमान है कि इससे प्रतिदिन करीब 30,000 निजी वाहनों का सड़क पर बोझ कम होगा, जिससे कार्बन उत्सर्जन में भी कमी आएगी।

दिल्ली मेट्रो पहले से ही कार्बन क्रेडिट अर्जित करने वाली देश की पहली मेट्रो सेवा है। इस परियोजना से यह उपलब्धि और बढ़ेगी क्योंकि इसके तहत ऊर्जा-कुशल तकनीकों का इस्तेमाल किया गया है, जैसे कि सोलर पैनल, LED लाइट्स और आधुनिक वेंटिलेशन सिस्टम।

दिवाली से पहले उद्घाटन की तैयारी

अधिकारियों के अनुसार, उद्घाटन की तैयारी लगभग पूरी हो चुकी है। सुरक्षा ऑडिट और सिग्नल टेस्टिंग का अंतिम चरण चल रहा है। DMRC ने कुल ट्रायल रन में कोई बड़ी तकनीकी खामी नहीं पाई है, जिससे उम्मीद है कि सेफ्टी क्लियरेंस मिलते ही इस लाइन को आम जनता के लिए खोल दिया जाएगा।

दिल्ली के निवासियों से लेकर यात्रियों तक सभी दिवाली पर इस नये तोहफे को पाने के इंतजार में हैं। उद्घाटन होने के बाद दिल्ली की मेट्रो की कुल लंबाई 400 किलोमीटर के करीब पहुंच जाएगी, जिससे यह भारत का सबसे बड़ा शहरी मेट्रो नेटवर्क बन जाएगा।

आवेदन या प्रतिक्रिया प्रक्रिया

हालांकि इस परियोजना में किसी व्यक्तिगत आवेदन की आवश्यकता नहीं है, लेकिन DMRC ने यात्रियों से सुझाव देने और रूट उपयोग पर राय मांगने के लिए हेल्पलाइन और ऑनलाइन पोर्टल शुरू किए हैं। कोई भी नागरिक DMRC की वेबसाइट या ग्राहक सेवा केंद्र पर जाकर अपनी राय, शिकायत या सुझाव दे सकता है। यह फीडबैक मेट्रो की सेवाओं को और बेहतर बनाने में मदद करेगा।

निष्कर्ष

दिल्ली मेट्रो का मजलिस पार्क से मौजपुर तक का यह विस्तार राजधानी के विकास में एक नया अध्याय जोड़ने जा रहा है। इससे न केवल यात्रियों की सुविधा बढ़ेगी बल्कि पर्यावरण संरक्षण और ट्रैफिक नियंत्रण में भी सहायता मिलेगी। अगर सब कुछ समय पर हुआ, तो इस दिवाली दिल्ली को एक नई मेट्रो लाइन का तोहफा मिल जाएगा, जो यात्रा अनुभव को और सुगम व सुरक्षित बनाएगी।

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