कृषि यंत्र सब्सिडी योजना एक ऐसी सरकारी योजना है, जिसका उद्देश्य किसानों को खेती के लिए आधुनिक औजार कम कीमत पर उपलब्ध कराना है। किसान अक्सर महंगे कृषि यंत्र खरीदने में असमर्थ होते हैं, बिना नए यंत्र के उनकी पैदावार और मेहनत पर असर पड़ता है।
इस स्कीम के तहत किसान 25% से 50% तक सब्सिडी पा सकते हैं, जो उनकी श्रेणी एवं क्षेत्र के अनुसार निर्धारित होती है। महिला, छोटे और सीमांत किसानों को अधिक प्रतिशत तक राहत मिलती है। सरकारी पहल से किसानों को आधुनिक ट्रैक्टर, पावर टिलर, हार्वेस्टर, थ्रेशर, सीड ड्रिल, चाफ कटर, स्प्रिंकलर सेट आदि खरीदने में सीधा फायदा मिलता है।
Farm Machinery Subsidy Scheme – Key Information
मुख्य बिंदु | विवरण |
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योजना का नाम | कृषि यंत्र सब्सिडी योजना |
सरकार | केंद्र व राज्य सरकार |
सब्सिडी दर | 25% – 50% |
पात्रता | SC/ST/OBC/General, महिला, छोटे व सीमांत किसान |
उपलब्ध यंत्र | ट्रैक्टर, थ्रेशर, हार्वेस्टर, सीड ड्रिल, पावर टिलर आदि |
आवेदन प्रकार | ऑनलाइन/ऑफलाइन |
दस्तावेजी ज़रूरत | आधार, बैंक अकाउंट, भूमि पट्टा, मोबाइल नंबर आदि |
पैसा मिलना | सीधे बैंक खाते में |
कृषि यंत्र सब्सिडी योजना का अर्थ
कृषि यंत्र सब्सिडी योजना का मूल उद्देश्य किसानों को खेती के आधुनिक औजार और उपकरण सस्ती दर पर उपलब्ध कराना है। महंगे मशीनरी की जगह किसान कम कीमत पर औजार खरीद सकते हैं और अपनी खेती को आधुनिक बना सकते हैं। सब्सिडी का मतलब है सरकारी आर्थिक सहायता जिससे किसान ट्रैक्टर, थ्रेशर, हार्वेस्टर जैसे महंगे यंत्र खरीद सके।
सरकार द्वारा दी जाने वाली सहायता
केंद्र और राज्य सरकारें अलग-अलग योजनाओं के तहत सब्सिडी उपलब्ध कराती हैं। मुख्य रूप से ट्रैक्टर, हार्वेस्टर, थ्रेशर, ड्रोन, सीड ड्रिल, चाफ कटर, पम्प सेट आदि मशीनों पर सब्सिडी सकती है, जो किसान की जरूरत के मुताबिक है। इस योजना में सरकार 25% से 50% तक अनुदान देती है, और कस्टम हायरिंग सेंटर जैसी सामूहिक मशीनरी बैंक पर यह सब्सिडी 80% तक भी पहुंच सकती है।
सब्सिडी की राशि मशीन की कीमत और किसान की श्रेणी पर निर्भर करती है। उदाहरण के लिए, महिला, एससी-एसटी या सीमांत किसान को 50% तक सब्सिडी मिलती है, जबकि अन्य किसान को 40% तक। ये राशि सीधे किसान के बैंक खाते में डाली जाती है। खरीददारी करते वक्त बिल दिखाना और मशीन की फिजिकल वेरिफिकेशन जरूरी होती है।
आवेदन प्रक्रिया
कृषि यंत्र सब्सिडी योजना के आवेदन के लिए किसान को आसान प्रक्रियाओं का पालन करना होता है। सबसे पहले किसान को संबंधित सरकारी पोर्टल पर पंजीकरण करना चाहिए। वहां आवेदन फॉर्म भरने के बाद किसान को अपने दस्तावेज जैसे आधार कार्ड, बैंक पासबुक, भूमि का प्रमाण, जाति प्रमाण पत्र, ट्रैक्टर का रजिस्ट्रेशन आदि अपलोड करने होते हैं।
आवेदन की जांच पूरी होने के बाद, मशीन खरीदने पर उसका बिल सब्सिडी के लिए प्रस्तुत करना होता है। कृषि अधिकारी द्वारा मशीन की जांच और स्वीकृति के बाद सब्सिडी की राशि सीधे बैंक अकाउंट में ट्रांसफर हो जाती है। किसान साल में अधिकतम तीन मशीनों पर सब्सिडी का लाभ उठा सकते हैं।
अन्य शर्तें और लाभ
- सब्सिडी का लाभ उन्हीं मशीनों पर मिलेगा, जो अधिकृत डीलर से खरीदी जाए।
- ट्रैक्टर से चलने वाली मशीनों के लिए किसान के नाम पर ट्रैक्टर का पंजीकरण जरूरी है।
- व्यक्तिगत किसान के अलावा, समूह या किसान संगठन भी सामूहिक मशीनरी बैंक व कस्टम हायरिंग सेंटर के लिए 80% सब्सिडी पा सकते हैं।
- हर तीन साल में एक बार एक ही मशीन पर सब्सिडी ली जा सकती है।
- टैबलेट, कृषि ड्रोन, फसल अवशेष प्रबंधन के यंत्रों जैसे मल्चर, बेलर आदि पर भी सब्सिडी मिलती है।
किसानों के लिए लाभ
कृषि यंत्र सब्सिडी योजना ने किसानों को महंगे औजार खरीदने में काफी मदद की है। इससे वे कम समय में, कम मेहनत से ज्यादा फसल निकाल सकते हैं। आधुनिक यंत्रों के इस्तेमाल से फसल की गुणवत्ता बढ़ती है और लागत घटती है। किसानों की आमदनी में वृद्धि होती है और उनका जीवन स्तर भी सुधारता है।
निष्कर्ष
कृषि यंत्र सब्सिडी योजना किसानों के लिए बहुत उपयोगी है। सरकार की सहायता से किसान आधुनिक मशीनें खरीद सकते हैं, जिससे उनका खेती का काम आसान और लाभदायक बनता है। यह स्कीम कृषि क्षेत्र की प्रगति में अहम भूमिका निभा रही है, किसानों को सशक्त कर रही है।