Bus Terminal Gurugram 2025: 32 करोड़ का बंपर निवेश, तुरंत जुड़ें मेट्रो से, छूट न जाए मौका

हरियाणा सरकार ने गुरुग्राम के लोगों के लिए एक बड़ी सौगात का ऐलान किया है। शहर में तेजी से बढ़ते यातायात और रोज़ाना लाखों यात्रियों की सुविधा को देखते हुए अब यहां एक अत्याधुनिक बस टर्मिनल और डिपो बनाया जाएगा। इस प्रोजेक्ट पर करीब 32 करोड़ रुपये की लागत आने वाली है, और यह टर्मिनल सीधा मेट्रो स्टेशन से जुड़ा होगा, जिससे यात्रियों को बेहतर और सुगम आवागमन की सुविधा मिलेगी।

गुरुग्राम, जो दिल्ली-एनसीआर का एक प्रमुख औद्योगिक और कॉर्पोरेट केंद्र है, वहां रोजाना हजारों लोग बस, मेट्रो और ऑटो के ज़रिए सफर करते हैं। ऐसे में नया बस टर्मिनल बनने से ट्रैफिक जाम की समस्या में भी काफी राहत मिलेगी। हरियाणा रोडवेज और नगर निगम के संयुक्त सहयोग से यह परियोजना तैयार की जा रही है, ताकि सार्वजनिक परिवहन को और अधिक सुविधाजनक और सुरक्षित बनाया जा सके।

इस योजना का प्राथमिक उद्देश्य शहर में बस सेवाओं को बेहतर बनाना, मेट्रो और बसों के बीच एकीकृत कनेक्टिविटी देना और यात्रियों को बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर द्वारा समय और ऊर्जा की बचत कराना है। साथ ही यह प्रोजेक्ट “सस्टेनेबल अर्बन डेवलपमेंट” की दिशा में भी महत्वपूर्ण कड़ी साबित होगा।

Bus Terminal Gurugram 2025

हरियाणा सरकार और गुरुग्राम महानगर विकास प्राधिकरण (जीडीए) के तहत इस प्रोजेक्ट को मंजूरी दी गई है। नया बस टर्मिनल सेक्टर-12ए स्थित मौजूदा बस डिपो की जमीन पर बनाया जाएगा। यह जगह पहले से रोडवेज विभाग के नियंत्रण में है और यहां यात्रियों की सुविधा के लिए नई इमारत, प्रतीक्षालय, टिकट काउंटर, पार्किंग और रेस्ट रूम जैसी आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी।

सरकारी सूचना के अनुसार, इस प्रोजेक्ट पर कुल 32 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। इसमें बस अड्डे के भीतर वातानुकूलित प्रतीक्षालय, साफ-सुथरे शौचालय, डिजिटल टिकटिंग सिस्टम और यात्रियों की सुरक्षा के लिए सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे। साथ ही यहां इलेक्ट्रिक बसों के लिए चार्जिंग स्टेशन भी बनाए जाएंगे ताकि प्रदूषण रहित यात्रा को बढ़ावा दिया जा सके।

यह टर्मिनल सीधे गुरुग्राम मेट्रो कॉरिडोर से जोड़ा जाएगा। इसके लिए एक पैदल मार्ग या स्काईवॉक का निर्माण प्रस्तावित है, जिससे यात्री आसानी से मेट्रो स्टेशन से बस टर्मिनल तक पहुंच सकें। इस नई सुविधा से इंटरसिटी बस यात्राओं और स्थानीय पब्लिक ट्रांसपोर्ट को एक साथ जोड़ा जा सकेगा।

परियोजना से होने वाले मुख्य लाभ

नए बस टर्मिनल के बन जाने से गुरुग्राम शहर में ट्रैफिक प्रबंधन में सुधार होगा। वर्तमान में पुराना बस स्टैंड अक्सर जाम से जूझता रहता है और वहां यात्रियों को पर्याप्त जगह या सुविधाएं नहीं मिल पातीं। नई व्यवस्था से बसों का संचालन अधिक सुचारू हो जाएगा और भीड़-भाड़ वाले इलाकों में दबाव कम होगा।

मेट्रो कनेक्टिविटी के कारण उन यात्रियों को भी राहत मिलेगी जो रोजाना दिल्ली, फरीदाबाद, या मानेसर की दिशा में जाते हैं। पहले यात्रियों को बस डिपो से मेट्रो स्टेशन तक पहुँचने में बहुत समय लगता था, लेकिन अब सीधे लिंक की वजह से यह परेशानी समाप्त हो जाएगी।

परियोजना से स्थानीय अर्थव्यवस्था पर भी सकारात्मक असर पड़ेगा। निर्माण के दौरान सैकड़ों लोगों को रोजगार मिलेगा और आगे चलकर नई दुकानें, खान-पान के स्टॉल और पार्किंग जैसी सेवाओं से व्यापार को भी बढ़ावा मिलेगा।

यह योजना किन विभागों के तहत लागू हो रही है

इस परियोजना को हरियाणा राज्य परिवहन विभाग (Haryana State Transport Department) द्वारा मंजूरी दी गई है। गुरुग्राम महानगर विकास प्राधिकरण और सार्वजनिक निर्माण विभाग (PWD) के सहयोग से इसका डिजाइन और टेंडर प्रक्रिया पूरी की जा रही है। परियोजना को “स्मार्ट सिटी मिशन” और “ग्रीन अर्बन ट्रांसपोर्ट प्लान” के तहत भी जोड़ा गया है, ताकि यह पर्यावरण अनुकूल और ऊर्जा-कुशल परिवहन संरचना बने।

राज्य सरकार का कहना है कि इस टर्मिनल का निर्माण अगले 18 महीनों के भीतर पूरा किए जाने का लक्ष्य है। निर्माण की जिम्मेदारी हरियाणा रोडवेज के अंतर्गत एक विशेष इकाई को दी गई है जो आधुनिक और ऊर्जा-कुशल बिल्डिंग डिजाइन का पालन करेगी।

मेट्रो कनेक्टिविटी का फायदा

गुरुग्राम में इस समय रैपिड मेट्रो और दिल्ली मेट्रो दोनों सेवाएं संचालित हैं। नया बस टर्मिनल सीधे रैपिड मेट्रो के जुड़े स्टेशन से कनेक्ट होगा, जिससे यात्रियों को बस से मेट्रो और मेट्रो से बस तक बिना किसी रुकावट के सफर करने की सुविधा मिलेगी। यह प्रणाली दिल्ली, फरीदाबाद, और सोनीपत जैसे शहरों के लिए इंटरसिटी बसों के लिए भी लाभदायक साबित होगी।

सरकार की योजना है कि भविष्य में यह टर्मिनल इंटरस्टेट बस सेवाओं से भी कनेक्ट किया जाए। यानी गुरुग्राम से जयपुर, चंडीगढ़, और उत्तराखंड जाने वाली बसें भी यहीं से संचालित हो सकेंगी।

पर्यावरण और सुविधा दोनों का संतुलन

यह प्रोजेक्ट न केवल यातायात सुविधा बढ़ाने के लिए है, बल्कि पर्यावरण संरक्षण को भी ध्यान में रखकर बनाया जा रहा है। बस डिपो में रेनवाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम, सोलर पैनल इंस्टॉलेशन और ग्रीन कवर के तहत पौधारोपण करने की योजना है। इलेक्ट्रिक बसों की चार्जिंग सुविधा से कार्बन उत्सर्जन में कमी आएगी और शहर के प्रदूषण स्तर पर सकारात्मक असर पड़ेगा।

इस नए टर्मिनल के माध्यम से सरकार का लक्ष्य है कि अधिक से अधिक लोग निजी वाहनों की बजाय सार्वजनिक परिवहन का उपयोग करें। मेट्रो-बस कनेक्टिविटी के कारण समय की बचत और खर्च दोनों में कमी आएगी।

आवेदन या नागरिक भागीदारी

हालांकि यह कोई सीधा आवेदन वाली योजना नहीं है, लेकिन नागरिक इसमें अपनी भागीदारी स्थानीय नगर निगम पोर्टल या गुरुग्राम महानगर विकास प्राधिकरण (GMDA) की सार्वजनिक सलाह चर्चा प्रक्रियाओं में दे सकते हैं। निर्माण के दौरान लोगों की सुरक्षा और यातायात व्यवस्थाओं के लिए नगर निगम ने नियंत्रण योजनाएं भी तैयार की हैं।

नागरिक सुझाव GMDA या रोडवेज विभाग को लिखित रूप में या जनसुनवाई कार्यक्रमों में दे सकते हैं ताकि परियोजना और अधिक उपयोगी और स्थानीय जरूरतों के अनुरूप बनाई जा सके।

निष्कर्ष

गुरुग्राम का नया बस टर्मिनल प्रोजेक्ट शहर के विकास की दिशा में एक बड़ा कदम है। 32 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाला यह आधुनिक टर्मिनल न केवल यात्रा अनुभव को बेहतर बनाएगा बल्कि मेट्रो से जुड़ाव के कारण शहर की परिवहन प्रणाली को नई ऊंचाई देगा। सरकार की कोशिश है कि यह प्रोजेक्ट शहर की बढ़ती जनसंख्या और परिवहन जरूरतों के अनुरूप एक मॉडल इंफ्रास्ट्रक्चर के रूप में सामने आए।

Leave a Comment

Join Telegram