महंगाई भत्ता (Dearness Allowance) की गणना और इसे बेसिक सैलरी में मर्ज करने को लेकर सरकारी कर्मचारियों में लगातार चर्चा चल रही है। अक्टूबर 2025 में सरकार ने एक बार फिर महंगाई भत्ते में 3% की बढ़ोतरी की है, जो 1 जुलाई 2025 से लागू मानी जाएगी। यह बढ़ोतरी सभी केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनर्स के लिए राहत की खबर है, क्योंकि महंगाई लगातार बढ़ रही है और जीवन-यापन की लागत में वृद्धि होती जा रही है।
सरकारी कर्मचारियों के लिए महंगाई भत्ता एक महत्वपूर्ण वेतन घटक है, जिसे सरकार समय-समय पर उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) के अनुसार संशोधित करती है। इससे कर्मचारियों की सैलरी में सीधे तौर पर इजाफा होता है। 2025 में केंद्रीय कर्मचारियों का कुल महंगाई भत्ता अब 58% हो गया है, जिससे लाखों कर्मचारियों व पेंशनर्स को फायदा हुआ है।
Whether Dearness Allowance will be merged into basic or not: Update
बिंदु | विवरण |
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किसके लिए है? | केंद्रीय कर्मचारी व पेंशनर्स |
कितनी बढ़ोतरी? | 3% (जुलाई 2025 से प्रभावी) |
नया कुल प्रतिशत | 58% |
संशोधन की तारीख | 1 जुलाई 2025 |
संशोधन की घोषणा | अक्टूबर 2025 |
गणना का आधार | बेसिक सैलरी के प्रतिशत के रूप में |
पे कमीशन | 5वां, 6वां और 7वां वेतन आयोग लागू |
मर्ज की संभावना | 8वें वेतन आयोग के लागू होने पर विचाराधीन |
महंगाई भत्ता (Dearness Allowance) का अर्थ
महंगाई भत्ता (DA) सरकार द्वारा सरकारी कर्मचारियों व पेंशनर्स को दिया जाने वाला अतिरिक्त वेतन है, ताकि वे बाजार में महंगाई का प्रभाव महसूस किए बिना अपने खर्च पूरे कर सकें। यह भत्ता बेसिक सैलरी के एक निश्चित प्रतिशत के रूप में हर 6 महीने में संशोधित किया जाता है।
सरकारी कर्मचारियों को यह राशि उनके मूल वेतन (basic pay) के साथ मिलती है, और यह पूर्ण रूप से टैक्सेबल होती है। महंगाई भत्ता का मुख्य उद्देश्य यह है कि जैसे-जैसे महंगाई बढ़ती है, वैसे-वैसे सरकारी कर्मचारियों की क्रय-शक्ति में कमी न आए।
DA गणना और वृद्धि प्रक्रिया
केंद्रीय सरकार नियमों के अनुसार हर साल जनवरी और जुलाई में DA की समीक्षा करती है। उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) के आधार पर अगले 6 महीनों के लिए DA प्रतिशत दर तय की जाती है।
उदाहरण के लिए, यदि किसी कर्मचारी का बेसिक वेतन ₹25,000 है और DA दर 58% है, तो हर महीने उसे 25,000 × 58% = ₹14,500 महंगाई भत्ते के रूप में मिलेगा। यानी बढ़ोतरी के बाद सीधा लाभ मिलता है।
बेसिक सैलरी में मर्ज की चर्चा (8वां वेतन आयोग)
महंगाई भत्ते को बेसिक सैलरी में मर्ज करने की चर्चा 8वें वेतन आयोग के संभावित लागू होने के बाद से तेज है। आमतौर पर, जब नया वेतन आयोग लागू होता है, तब तक जो महंगाई भत्ता प्रतिशत के रूप में मिल रहा होता है, उसे बेसिक सैलरी में जोड़ दिया जाता है।
इससे कर्मचारियों की नई बेसिक सैलरी बढ़ जाती है और फिर DA दोबारा शून्य से शुरू होती है। इस बार भी 8वें वेतन आयोग पर यही प्रक्रिया लागू हो सकती है, लेकिन फिलहाल इसका आधिकारिक नोटिफिकेशन नहीं आया है।
किसे मिलेगा लाभ और एरियर
DA की बढ़ी हुई राशि न सिर्फ मासिक वेतन में शामिल होती है, बल्कि पीछे के महीनों (जैसे – जुलाई, अगस्त, सितंबर) का एरियर भी मिल जाता है। उदाहरण के लिए, अगर किसी कर्मचारी को जुलाई से बढ़े हुए DA का लाभ मिलना है और घोषणा अक्टूबर में होती है, तो उसे जुलाई से लेकर अक्टूबर तक के महीने का एरियर मिलेगा। इससे कर्मचारियों को अचानक बड़ी राशि मिलती है।
हाल की घोषणाएं और राज्यों में स्थिति
केवल केंद्र ही नहीं, बल्कि कई राज्य सरकारें भी अपने कर्मचारियों के लिए DA में बढ़ोतरी कर रही हैं। हाल ही में अरुणाचल प्रदेश ने भी 3% की वृद्धि कर DA को 58% किया है, साथ ही 75,000 से अधिक कर्मचारियों व पेंशनर्स को सीधे लाभ मिला है। यह निर्णय राज्यों में भी तेजी से अपनाया जा रहा है।
लागू करने की प्रक्रिया
यदि आप सरकारी कर्मचारी हैं, तो किसी भी DA बढ़ोतरी या बेसिक में DA के मर्ज की घोषणा के लिए HR/वेतन अनुभाग से संपर्क करें। उत्पन्न एरियर स्वतः आपके अकाउंट में जुड़ जाता है, सिर्फ अधिकारिक सूचना पर ध्यान देना जरूरी है।
निष्कर्ष
सरकारी कर्मचारियों के लिए महंगाई भत्ता न सिर्फ बढ़ा है, बल्कि आने वाले समय में इसे बेसिक सैलरी में मर्ज करने की संभावना भी बनी हुई है, खासकर 8वें वेतन आयोग के लागू होते समय। इससे आगे चलकर कर्मचारियों को सीधी वित्तीय राहत मिलेगी, जिससे उनकी क्रय शक्ति बनी रहेगी और बाजार की महंगाई का असर उन पर कम होगा।